आपने जो कंटेंट दिया है, उसमें चंद्रमा ग्रह के बारे में विस्तार से बताया गया है। आपकी दो मांगें थीं:
No.1 – ग्रह के बारे में जो-जो शब्दों का प्रयोग किया गया है (Only for चंद्रमा):
- रानी (क्वीन)
- माता का कारक
- ममत्व
- दया भावना / काइंड हर्टेड
- को-ऑपरेटिव
- चेहरे पर ग्लेज
- सुंदर ग्रह
- कामुक ग्रह
- चंचलता का कारक
- सेंटीमेंट का कारक
- भावुक
- मन का कारक
- मानसिक शांति से जुड़ा
- पाप ग्रहों के प्रभाव में आने पर अशांत
- राहु-केतु ऐक्सिस में आने वाला
- डिबिलिटेड स्थिति (अमावस्या के पास कमजोर)
- जल तत्व ग्रह
- चांदी का कारक
- हार्ट चक्र से जुड़ा
- चंद्रमा प्रिय होने पर सकारात्मक बातें
- चंद्रमा पीड़ित होने पर नकारात्मक सोच
- चंद्रमा अगर अच्छा हो तो इंटरनल हैप्पीनेस
- चंद्र प्रधान व्यक्ति समाज में इमोशनली ब्लैकमेल होते हैं
No.2 – चंद्रमा की शुभता प्राप्त करने हेतु वैदिक शास्त्र के अनुसार बताए गए उपाय:
- माता का सम्मान करें – चंद्रमा माता का कारक है, इसलिए मां का दिल न दुखाएं।
- मोती (रत्न) – लेकिन केवल तब पहनें जब चंद्रमा केंद्र/त्रिकोण के स्वामी हों और लाभकारी हों।
- जल का सेवन उचित मात्रा में करें – 3 से 4 लीटर प्रतिदिन, न कम न ज्यादा।
- चांदी के गिलास में जल पीना – जल को थोड़ा समय चांदी के संपर्क में रखें।
- जल की बर्बादी न करें – रिसाव, लीक, नल से टपकता पानी तुरंत ठीक कराएं।
- सोमवार को सफेद चीजों का सेवन करें – जैसे दूध, चावल, दही आदि।
- भगवान शिव की आराधना करें – विशेषतः ‘ओम् नमः शिवाय’ का जप करें।
- मन को शांत करने हेतु ध्यान करें – हार्ट चक्र (हृदय क्षेत्र) पर ध्यान केंद्रित करें।
- चंद्रमा के वैदिक मंत्रों का जाप करें –
- “ॐ सोम सोमाय नमः”
- “ॐ श्रं श्रीं श्रं स: चंद्रमसे नमः”
- सोमवार का व्रत करें – विशेष रूप से चंद्रमा के लिए शुभ माना जाता है।
अगर आप चाहें तो मैं इसी तरह अगले ग्रह (जैसे मंगल, बुध आदि) के लिए भी यही दो पॉइंट्स के अनुसार जानकारी एक्सट्रैक्ट करके दे सकता हूँ।
बताइए, अगला ग्रह कौन सा लेना है?