जीवन में कष्ट कौनसा ग्रह दे रहा हैGEMINI पद्धति और 'ज्ञनैती कारक ग्रह' की रहस्यमयी भूमिका

IIIEYE ASTRO Hindi/तिसरी आंख एस्ट्रो BLOG
By -
0

 Title: GEMINI पद्धति और 'ज्ञनैती कारक ग्रह' की रहस्यमयी भूमिका | Gnaneti Karak Grah in Astrology Explained

Meta Description (SEO के लिए):
जानिए GEMINI पद्धति में 'ज्ञनैती कारक ग्रह' क्या होता है, कैसे यह आपकी कुंडली में छिपे हुए संकटों का कारण बनता है, और इससे बचने के उपाय। जानें शनि, मंगल, शुक्र जैसे ग्रहों के ज्ञनैती रूप में प्रभाव व रेमेडीज।

कौन सा ग्रह आपको कष्ट दे रहा है



'ज्ञनैती कारक ग्रह' क्या होता है?

Gemini पद्धति के अनुसार "ज्ञनैती कारक ग्रह" (Second Lowest Degree Planet) की गूढ़, रहस्यमयी भूमिका 

GEMINI पद्धति (ज्योतिष की एक शोध आधारित तकनीक) में 'ज्ञनैती कारक ग्रह' वह ग्रह होता है जिसकी डिग्री कुंडली में दूसरी सबसे कम (2nd lowest) होती है। इसे Second Next from Lowest Degree Planet भी कहा जाता है।यह ग्रह सीधा कष्ट नहीं देता, बल्कि आपको आकर्षित करता है, उस क्षेत्र में उलझाता है और बाद में वहीं से समस्याएं उत्पन्न करता है।

इसमें ग्रह की भाव स्थिति, तत्व के अनुसार रेमेडी, विशेष उदाहरण (जैसे वृश्चिक लग्न में शनि ज्ञनैती चौथे भाव में), डिग्री, दशा, गोचर, कर्म फँसा देना, ट्रैपिंग, और एक्सपीरियंस वाला दर्द — सब कुछ सम्मिलित हो।

ज्ञनैती ग्रह कैसे देता है कष्ट?

यह ग्रह अक्सर कुंडली के  कष्ट भाव निम्न भावों से जुड़कर असर करता है: 6-8-12 यह ग्रह जिस भाव में होता है, उस भाव की चीजों को आकर्षक बनाता है, ताकि जातक उसी में उलझे।

परंतु जैसे-जैसे समय बीतता है, वही क्षेत्र कष्ट, असफलता या धोखा देने लगता है।

यह ग्रह 6-8-12 भावों से जुड़ा पाया गया है — रोग, शत्रु, हानि, रहस्य, हॉस्पिटल, खर्च, असमाप्त कार्य।

ज्ञनैती ग्रह के विशेष उदाहरण

कौन-सा ग्रह ज्ञनैती हो तो क्या असर होता है:

शनि ज्ञनैती हो तो:
जातक को आलस्य, अनुशासनहीनता, अस्वस्थ जीवनशैली की ओर खींचेगा।

धीरे-धीरे सर्विस में दिक्कतें, नींद खराब, हड्डी/गठिया की समस्याएं, नौकरों से क्लेश।
शनि ज्ञनैती हो – जीवन में सुस्ती, भारीपन, बार-बार मेहनत का सही फल न मिलना और लेबर क्लास से टकराव जैसी बातें देखने को मिलती हैं।


2. गुरु ज्ञनैती हो – व्यक्ति बिना मांगे सलाह देता है, गलत गाइडेंस लेता है और आध्यात्म या पढ़ाई में ज्यादा डूबकर दुनियावी मामलों में नुकसान उठा सकता है।गुरु ज्ञनैती हो तो:बार-बार मुफ्त सलाह देगा, लोग फायदा उठाकर छोड़ देंगे।
शिक्षा, अध्यात्म या धार्मिकता में अति कर देगा और नुकसान होगा।


3. मंगल ज्ञनैती हो – गुस्सा बढ़ता है, भाई-बंधुओं से क्लेश होता है, प्रॉपर्टी में नुकसान या झगड़े हो सकते हैं।मंगल ज्ञनैती हो तो:
गुस्सा, भाइयों से झगड़ा, प्रॉपर्टी विवाद या रक्तचाप बढ़ेगा।


4. शुक्र ज्ञनैती हो – व्यक्ति फैशन, प्रेम या ब्रांडेड चीज़ों में उलझता है और वहां से धोखा या खर्च अधिक होता है।


5. चंद्र ज्ञनैती हो – मन बहुत जल्दी विचलित होता है, भावना में बहकर फैसले लिए जाते हैं जो बाद में नुकसान देते हैं।चंद्र ज्ञनैती:
इमोशनल निर्णय बार-बार नुकसान देंगे, माता से संबंध खराब, अनिद्रा।


6. सूर्य ज्ञनैती हो – पिता से मतभेद, अहंकार से नुकसान और सरकारी या पॉलिटिकल क्षेत्र में बाधाएं आती हैं।

सरल उपाय (Remedies) ज्ञनैती ग्रह से राहत के लिए:


1. उस ग्रह का रत्न न पहनें। जैसे अगर मंगल ज्ञनैती है तो मूंगा न पहनें।


2. उस ग्रह से जुड़ा काम/करियर न करें। जैसे शुक्र ज्ञनैती है तो ब्यूटी, फैशन या रिलेशनशिप काउंसलिंग से दूरी रखें।

Remedies: ज्ञनैती ग्रह से बचाव कैसे करें?राशि तत्वों के अनुसार ग्रहों की रेमेडी कैसे करें 


ग्रहों की शांति के लिए जब आप दान, बहाव, जाप या हवन करते हैं, तो आपकी राशि के तत्व (Element) के अनुसार उसका तरीका बदल जाता है। आइए देखें किस तत्व में क्या करना चाहिए:

यदि ग्रह जल तत्व की राशि में है – तो जल में बहाने वाला उपाय करें।
यदि वह पृथ्वी तत्व की राशि में है – तो उस ग्रह से जुड़ी वस्तु को जमीन में दबाएं।
यदि वह वायु तत्व की राशि में है – तो वैदिक मंत्रों के जप करवाएं।
और अगर वह अग्नि तत्व की राशि में है – तो उस ग्रह की वस्तु से हवन करवाएं।

ज्ञनैती का बीज मंत्र का जिक्र नहीं करना केवल वैदिक मंत्र का जाप करें प्रकृति के तत्वों से जुड़ा समाधान होना चाहिए 


1. जल तत्व राशियाँ (कर्क, वृश्चिक, मीन)


अगर किसी भी जातक का ज्ञनैती ग्रह जल तत्व राशियाँ (कर्क, वृश्चिक, मीन) में  बैठा है तो इसका उपाय करना चाहें, तो उस ग्रह से संबंधित वस्तु को पानी में बहाना सबसे अच्छा तरीका माना गया है। जैसे –

काले तिल, सरसों का तेल, मूंगा, आदि को बहते पानी में प्रवाहित करें।यह बहाव नदी, तालाब, या साफ जल में होना चाहिए।


2. अग्नि तत्व राशियाँ (मेष, सिंह, धनु)


अगर किसी भी जातक का ज्ञनैती ग्रह अग्नि तत्व राशियाँ (मेष, सिंह, धनु) में  बैठा है तो हवन या अग्नि में आहूति देना श्रेष्ठ उपाय होता है। जैसे –

अगर सूर्य से कष्ट हो तो “ॐ सूर्याय नमः” का हवन करें। ग्रहों की जड़ी-बूटियाँ या संबंधित चीजें अग्नि में डालकर शुद्धि करें।

3. वायु तत्व राशियाँ (मिथुन, तुला, कुंभ)


अगर किसी भी जातक का ज्ञनैती ग्रह वायु तत्व राशियाँ (मिथुन, तुला, कुंभ) इन जातकों के लिए मंत्र जाप और ध्यान सबसे प्रभावी उपाय होते हैं। जैसे –

“ॐ शं शनैश्चराय नमः” या “ॐ बृहस्पतये नमः” जैसे मंत्रों का रोज जाप करें।

मंत्रों का उच्चारण साफ, स्पष्ट और मन से करें। मानसिक शक्ति से ग्रह शांति होती है।

4. पृथ्वी तत्व राशियाँ (वृषभ, कन्या, मकर)


अगर किसी भी जातक का ज्ञनैती ग्रह पृथ्वी तत्व राशियाँ (वृषभ, कन्या, मकर) में बैठा है तो इस जातक को इस ग्रह से जुड़ी वस्तुओं को जमीन में दबाना या गाड़ना सबसे उपयुक्त उपाय माना गया है। जैसे –

शनिदेव की वस्तुएं जैसे लोहे की कील, काले तिल, या सरसों का तेल  काले उड़द पार्क मे यदि दुसरी राशि वृषभ मे शनि  हो तो पार्क में दबा दें। यदि छठी राशि कन्या हो तो यह क्रिया घर के बाहर, खेत या किसी पीपल वृक्ष के नीचे करना अच्छा रहता है।
यदि यह राशि मकर है तो इसको बंजर जमीन या सुनसान जगह पर दबाना चाहिए

जरूरी सावधानियाँ


रेमेडी करते समय शुद्धता, श्रद्धा और सही दिन/समय का पालन करें।

किसी योग्य ज्योतिषी से ग्रह और तत्व की पुष्टि कर लें ताकि उपाय गलत न हो।

उपाय के बाद ग्रह की दशा में हल्कापन और जीवन में पॉजिटिव बदलाव आने लगता है।
  1. उस ग्रह का रत्न कभी न पहनें
    जैसे — मंगल ज्ञनैती है तो मूंगा वर्जित है।

  2. उस ग्रह से जुड़े प्रोफेशन से बचें
    जैसे — शुक्र ज्ञनैती है तो फैशन, ब्यूटी, रिलेशन से दूरी रखें।

  3. भाव अनुसार विशेष उपाय करें:

  1. अमात्य कारक के अनुसार करियर चुनें
    इससे सफलता जल्दी मिलेगी।

  2. दशा और गोचर के समय विशेष ध्यान रखें
    ज्ञनैती ग्रह की दशा या गोचर में संकट अधिक होते हैं।

  3. विशेष उदाहरण: वृश्चिक लग्न + शनि ज्ञनैती

समस्या:

  • मन की अशांति
  • पारिवारिक क्लेश
  • वाहन, संपत्ति से जुड़ी परेशानियाँ
  • प्रेम व शिक्षा में बाधा (5th गोचर प्रभाव)

उपाय:

  • भाव के अनुसार: 4th भाव = मन और माँ, इसलिए माँ के साथ संबंध सुधारें, घर में साफ़-सफाई रखें, भूमि से जुड़े सेवा कार्य करें।
  • राशि तत्व (कुंभ = वायु): ध्यान, प्राणायाम करें, वृद्ध पुरुषों की सेवा करें।
  • दान: शनि से संबंधित चीजें जैसे काले तिल, कंबल दान करें।

ग्रह के भाव अनुसार ज्ञनैती प्रभाव

ज्ञनैती कारक ग्रह का असर किस भाव में होने पर क्या प्रभाव देता है:

1. चौथा भाव (4th House) – जब ज्ञनैती ग्रह यहाँ हो तो मन में बेचैनी रहती है, घर में अशांति हो सकती है, वाहन संबंधी नुकसान या घर से दूरी जैसी परेशानियाँ आ सकती हैं।


2. पाँचवां भाव (5th House) – शिक्षा में रुकावट आती है, प्रेम संबंधों में धोखा या मानसिक तनाव हो सकता है, संतान को लेकर चिंताएं बढ़ सकती हैं।


3. छठा भाव (6th House) – रोग, शत्रु या कर्ज की समस्या आती है। व्यक्ति बार-बार बीमार हो सकता है या कानूनी विवादों में फंस सकता है।


4. आठवां भाव (8th House) – अचानक हादसे, जीवन में रहस्य, दुर्घटनाएँ या मानसिक झटके हो सकते हैं। यह भाव हमेशा गुप्त और भारी होता है।


5. दसवां भाव (10th House) – करियर में रुकावट, बॉस से तनाव, समाज में नाम खराब होना या मेहनत का फल देर से मिलना जैसी समस्याएं आ सकती हैं।


6. बारहवां भाव (12th House) – खर्च अधिक होता है, विदेश यात्रा से नुकसान हो सकता है, अस्पताल या कोर्ट-कचहरी के चक्कर लग सकते हैं।

Final Insight:

“ज्ञनैती ग्रह आपको पहले अपनी तरफ खींचता है, आकर्षित करता है — फिर जब आप उससे जुड़ जाते हैं, तभी वहीं से असली परीक्षा शुरू होती है।”

इसलिए कुंडली में 'ज्ञनैती ग्रह' को गहराई से समझना और समय रहते उपाय करना बहुत जरूरी है।यह ग्रह जितना रहस्यमयी होता है, उतना ही असरदार होता है।

: “ज्ञनैती ग्रह कभी भी सीधे चोट नहीं करता — वह पहले आपको उस रास्ते पर बहकाता है, जहाँ से कष्ट मिलना तय होता है।”

इसी कारण, इस ग्रह को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।

यह छुपा हुआ ट्रैप है — पर जिसने इसे पहचान लिया, वह अपने जीवन के दुखों का बड़ा कारण भी समझ गया।

SEO Tips: Keywords Used

  • ज्ञनैती कारक ग्रह क्या है
  • Gemini पद्धति ज्योतिष
  • Second lowest degree planet astrology
  • Remedies for Jnaneti Grah
  • कुंडली के छिपे संकट
  • Hidden planet in Kundli
  • Shani Jnaneti Grah effect
  • मंगल ज्ञनैती ग्रह उपाय


एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*