अष्टम भाव में सूर्य होने के प्रभाव

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...इंसान का उद्देश्य अलग-अलग होता है और यह भी संभव है कि उसका उद्देश्य बहुत साधारण हो लेकिन महत्वपूर्ण हो। अष्टम भाव में सूर्य बैठा व्यक्ति अगर अपने जीवन के उद्देश्य को समझ लेता है और उसे पूरा करने के लिए काम करता है, तो वह जीवन में बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकता है।

अष्टम भाव में सूर्य होने के प्रभाव

  1. संघर्षपूर्ण जीवन: ऐसे व्यक्ति का जीवन संघर्ष से भरा होता है। सफलता धीरे-धीरे मिलती है और उसे मेहनत से अर्जित करना पड़ता है।
  2. मान-सम्मान में कमी: व्यक्ति को उसके प्रयासों के लिए उचित क्रेडिट नहीं मिलता, खासकर अपने परिवार और समाज से।
  3. सत्यनिष्ठा: ये लोग सत्य को प्राथमिकता देते हैं और झूठ से बचते हैं। उनकी वाणी प्रभावशाली होती है, लेकिन कई बार लोग उनकी सच्चाई को पसंद नहीं करते।
  4. स्वास्थ्य समस्याएँ: सूर्य यहाँ हड्डियों, आँखों, हृदय, रक्तचाप और स्नायु तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  5. पिता की स्थिति: इनके पिता की सेहत कमजोर हो सकती है, या इनके पिता से संबंध थोड़े जटिल हो सकते हैं।
  6. खोज और अनुसंधान: ये व्यक्ति खोजी प्रवृत्ति के होते हैं और गहरे रहस्यों को समझने की क्षमता रखते हैं। तंत्र-मंत्र, ज्योतिष, मनोविज्ञान, गुप्त विज्ञान में रुचि हो सकती है।
  7. अचानक धन प्राप्ति: यह स्थिति कभी-कभी अचानक धन लाभ भी दे सकती है, जैसे विरासत, बीमा, सरकारी अनुदान आदि।
  8. गवर्नमेंट जॉब और रिसर्च: अगर सूर्य मजबूत हो तो ये व्यक्ति सरकारी नौकरियों, शोध, चिकित्सा, कानून, या प्रशासनिक सेवाओं में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

सावधानियाँ:

  • अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें, खासकर हृदय और रक्तचाप से जुड़ी समस्याओं का।
  • अहंकार और जिद से बचें, क्योंकि सूर्य यहाँ कई बार व्यक्ति को आत्म-केंद्रित बना सकता है।
  • अपने पिता की सेहत और संबंधों को लेकर सतर्क रहें।
  • सही दिशा में मेहनत करें और धैर्य रखें, क्योंकि सफलता धीरे-धीरे मिलेगी।

अष्टम भाव में सूर्य रहस्यमय, संघर्षपूर्ण लेकिन संभावनाओं से भरा होता है। अगर इसे सही तरीके से समझा और साधा जाए, तो यह व्यक्ति को जीवन में ऊँचाइयों तक भी पहुँचा सकता है।


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