No. 1: इस कंटेंट में प्रयोग हुए ग्रह संबंधित शब्दों की सूची
(यहाँ उन सभी शब्दों को निकाला गया है जो किसी ग्रह का नाम या उस ग्रह से जुड़े विशेषण/उपाधियाँ हैं)
- शनि
- सूर्य (सूरज)
- यमराज
- ब्रह्मा
- चित्रगुप्त
- राहु (मेघनाद का संदर्भ)
- भगवान शिव
- भगवान कृष्ण
- हनुमान जी
- नवग्रह (सामूहिक रूप में)
- काल पुरुष
- कर्म के देवता
- न्याय के देवता
- सेवक ग्रह
- आयु के कारक
- दीर्घायु के कारक
- मेहनत के कारक
- साढ़ेसाती
- ढैया
- महादशा
- अंतर्दशा
- प्रत्यंतर दशा
No. 2: शनि ग्रह की शुभता प्राप्त करने हेतु बताए गए वैदिक उपाय (विस्तार से)
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पवित्र कर्म और आचरण
- शनि को कर्म का देवता कहा गया है। इसलिए अपने कर्म को पवित्र, निष्कलंक और न्यायसंगत बनाए रखना सबसे प्रमुख उपाय है।
- मेहनत और अनुशासन में रहना, आलस्य और प्रमाद से दूर रहना जरूरी है।
- अपने अधीनस्थ, गरीब, सेवक वर्ग से अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
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सूर्योदय से पहले जागना और मेहनत करना
- शनि मेहनत के कारक हैं, इसलिए दिन की शुरुआत जल्दी करें और काम में लग जाएं।
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समाज के निम्न तबके के लोगों की सेवा करना
- विशेषकर श्रमिक, नौकर, सफाईकर्मी, वृद्ध, रोगी आदि की सेवा और सम्मान करें।
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भगवान श्रीकृष्ण की आराधना
- शनि के आराध्य श्रीकृष्ण हैं।
- मंत्र: "ॐ क्लीं कृष्णाय नमः"
- इस मंत्र का जाप करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
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भगवान शिव की उपासना
- शिव शनि के गुरु हैं।
- मंत्र: "ॐ नमः शिवाय"
- शिव का ध्यान, अभिषेक, शिवलिंग पर जल चढ़ाना आदि लाभकारी उपाय हैं।
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हनुमान जी की साधना
- हनुमान जी को शनिदेव ने वचन दिया है कि उनके भक्त को शनि पीड़ा नहीं देंगे।
- हनुमान चालीसा का नित्य पाठ, विशेषकर सात बार प्रतिदिन, करना अत्यंत शुभ होता है।
- इससे न केवल शनि बल्कि सभी नवग्रह शांत होते हैं।
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ध्यान (Meditation) और संयम
- नियमित ध्यान, आत्मचिंतन और संयम से जीवनशैली को शुद्ध रखना चाहिए।