पुष्कर नवांश: जब ग्रह ब्रह्मांडीय वरदान बन जाते हैं

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पुष्कर नवांश: जब ग्रह ब्रह्मांडीय वरदान बन जाते हैं

— ऋषि पराशर सिद्धांतों पर आधारित एक गूढ़ विवेचना

लेख श्रेणी: #VedicAstrology #Navamsa #PushkaraNavamsha #JyotishSecrets
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Pushkar navansh


क्या है पुष्कर नवांश?

"पुष्कर नवांश" वैदिक ज्योतिष का वह दिव्य रहस्य है, जहाँ ग्रह शुभता की अपनी चरम स्थिति में पहुँच जाते हैं। "पुष्कर" शब्द का अर्थ होता है: पवित्रसमृद्धि देने वालाउन्नति का प्रवेश द्वार। जब कोई ग्रह नवं भाव के उपविभाजन — नवांश चार्ट (D-9) — में विशेष चरणों में स्थित हो, तो वह अत्यंत शुभ, बलशाली, और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाला बन जाता है।


नवांश क्या होता है?

हर राशि (30°) को नवांश चार्ट में 9 भागों में बाँटा गया है, यानि हर एक भाग = 3° 20'
तो किसी भी राशि के अंदर 9 डिवीज़न (या "Parts") होते हैं, जिन्हें नवांश कहा जाता है।


पुष्कर नवांश – तत्व आधारित विश्लेषण

हर तत्व (Element) — अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल — के अनुसार कुछ विशिष्ट नवांश को पुष्कर माना गया है:


कैसे पहचानें कि कोई ग्रह पुष्कर नवांश में है?

आपके जन्म कुंडली के D-1 (लग्न कुंडली) में ग्रह चाहे जिस भी भाव में हो, यदि वह D-9 नवांश चार्ट में ऊपर बताए गए तत्व विशेष के पुष्कर डिवीजन में चला जाता है, तो वह Pushkara Navamsa Graha बन जाता है।

उदाहरण:

  • यदि मंगल आपकी मेष राशि (अग्नि तत्व) में स्थित है और नवांश (D-9) में उसकी स्थिति 7वें डिवीजन (20°–23°20’) या 9वें डिवीजन (26°40’–30°) में है, तो वह पुष्कर नवांश में है
  • यदि शुक्र वृषभ में है और D-9 में उसकी स्थिति 6°40’ से 10° के बीच है (3rd Division), तो यह भी पुष्कर नवांश है।

क्यों पुष्कर नवांश इतना महत्वपूर्ण है?

  1. शुभता का स्रोत: यह स्थिति किसी ग्रह की सबसे शुभ अवस्था मानी जाती है। ग्रह जीवन में वास्तविक फल देने लगता है।
  2. Ashubh Bhav ko bhi Shubh Bana De: यदि कोई ग्रह 6, 8 या 12 जैसे दु:स्थानों में भी स्थित हो, परंतु नवांश में पुष्कर में हो — तो यह ग्रह वहां शुभ फल देता है।
  3. Career, Marriage, Wealth में अत्यधिक सहयोगी: विशेषकर शादी (D-9 से देखा जाता है), करियर और भाग्य से जुड़े विषयों में यह ग्रह चमत्कारी फल दे सकता है।

पुष्कर नवांश के लिए ज्योतिषीय तकनीक:

  • Step 1: लग्न कुंडली (D-1) से ग्रह की राशि और अंश जानिए।
  • Step 2: D-9 नवांश कुंडली बनाएं (जन्म समय के अनुसार)।
  • Step 3: देखें कि ग्रह D-9 में किस नवांश डिवीजन में स्थित है।
  • Step 4: ऊपर बताए गए डिवीज़न रेंज से मिलाएं।

कुछ विशेष संकेत:

  • Pushkar Bhaga (अधिक विशिष्ट डिग्री जिनमें धन, सौंदर्य और कलात्मकता आती है) भी एक गूढ़ विषय है — जिसे हम अगले भाग में समझाएँगे।
  • यदि Pushkar Navamsha में चंद्रमा या गुरु बैठा हो तो व्यक्ति उच्च स्तर का आध्यात्मिक विकास करता है।
  • कला, साहित्य, वास्तु, ज्योतिष, आयुर्वेद, आदि क्षेत्रों में ऐसा ग्रह असाधारण सफलता देता है।

निष्कर्ष: पुष्कर नवांश – भाग्य का ब्रह्म द्वार

ऋषि पराशर और बृहज्जातक जैसे ग्रंथों में वर्णित पुष्कर नवांश, एक साधारण ग्रह को देवत्व का स्वरूप दे सकता है। यह न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत प्रभावशाली है।


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पूरे आर्टिकल की गहराई समझें और अपने चार्ट में पुष्कर नवांश खोजें!
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