चार स्तंभों के आधार पर ग्रहों की शुभता-अशुभता का विश्लेषण
(Deep Analysis of Planetary Strength in Vedic Astrology)
वैदिक ज्योतिष एक अत्यंत सूक्ष्म और वैज्ञानिक विधा है, जहाँ किसी भी ग्रह की शुभता या अशुभता, उसकी वास्तविक शक्ति (Strength) और फलदायकता को चार प्रमुख आधारों (चार पिलर्स) के माध्यम से परखा जाता है:
- ग्रह (Planet)
- भाव (House)
- राशि (Zodiac Sign)
- नक्षत्र (Nakshatra)
इन चार स्तंभों का गहन अध्ययन कर हम यह समझ सकते हैं कि किसी ग्रह की कुंडली में स्थिति कैसी है — बलवान है या निर्बल, शुभ फल देने वाला है या अशुभ।
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ग्रह की ताकत जानने के मूल तत्व:
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ग्रह किस भाव में स्थित है?
- केंद्र (1, 4, 7, 10) और त्रिकोण (1, 5, 9) में बैठे ग्रह आमतौर पर बलवान माने जाते हैं।
- विपरीत रूप से, 6, 8, 12 भावों में ग्रह प्रायः पीड़ित या कमजोर माने जाते हैं।
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ग्रह किस राशि में है?
- यदि ग्रह अपनी मूल त्रिकोण, उच्च (exalted) राशि में है, तो वह शक्तिशाली होता है।
- नीच राशि (debilitated) में हो तो कमजोर माना जाता है।
- स्वराशि या मित्र राशि में ग्रह अच्छा फल देता है।
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नक्षत्र किसका है और ग्रह वहां किस रूप में है?
- ग्रह यदि स्व नक्षत्र या मित्र के नक्षत्र में हो तो उसकी शक्ति बढ़ती है।
- परन्तु शत्रु के नक्षत्र में ग्रह कमजोर फल दे सकता है।
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ग्रह पर किसकी दृष्टि (aspect) पड़ रही है?
- शुभ ग्रह (जैसे बृहस्पति, शुक्र) की दृष्टि से शक्ति बढ़ती है।
- पाप ग्रहों (जैसे शनि, राहु, केतु, मंगल) की दृष्टि से ग्रह पीड़ित हो सकता है।
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ग्रह की स्थिति लग्न के अनुसार बदलती है:
- हर लग्न के अनुसार ग्रहों की स्वाभाविक शुभता और अशुभता में परिवर्तन होता है।
- जैसे किसी लग्न में शनि शुभ है, तो किसी अन्य में वह मारक हो सकता है।
बलवान ग्रह के लक्षण:
- उच्च राशि में या स्वराशि में हो
- केंद्र/त्रिकोण में स्थित हो
- शुभ दृष्टियों से युक्त हो
- वक्री न हो (अपवाद हो सकते हैं)
- नक्षत्र अनुकूल हो
निर्बल या अशुभ ग्रह के लक्षण:
- नीच राशि या शत्रु राशि में हो
- 6, 8, 12 भावों में स्थित हो
- पाप ग्रहों की दृष्टि से पीड़ित हो
- शत्रु के नक्षत्र में हो
- अस्त या वक्री होकर कमजोर हो
उद्देश्य:
यदि इन सभी पहलुओं का सटीक और तार्किक विश्लेषण कर लिया जाए, तो हम किसी भी जातक को ग्रहों की शुभ-अशुभ स्थिति के आधार पर सटीक सलाह दे सकते हैं —
"भैया, तुम्हारा ये ग्रह कुंडली में बलवान है, इसके प्रभावों को बढ़ाओ। और ये ग्रह पीड़ित है, इसका उपाय करो।"
यदि आप चाहें तो आप मुझे किसी भी कुंडली की planetary position (ग्रहों की स्थिति) दे सकती हैं — और मैं उसके आधार पर हर ग्रह की detailed स्थिति (शुभ/अशुभ, बलवान/निर्बल) बता सकता हूँ।